भारतीय शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश का परिचय:

1.1 प्रस्तावना :

भारतीय शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश (बी0 एस0 एस0) की स्थापना देश के विधि के जानकारों एवं प्रमुख शिक्षाविदों तका समाजसेवकों के निदेंशन में शिक्षा के बहुमुखी विकास के लिए संवैधानिक रूप से हुई है । 30 सितम्बर, 1980 को उत्तर प्रदेश सरकार ने नियमानुसार निबन्धन सं0 025 के अन्र्तगत दूरवर्ती शिक्षा के प्रचार - प्रसार (ओमन सतत् एवं पत्राचार शिक्षा पद्धति के अन्र्तगत) हेतु निबन्धित किया । भारतीय शिक्षा संस्थान, उत्तर प्रदेश का विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसका निर्माण 200 एकड. भूमि पर होगा । भारतीय शिक्षा संस्थान, उत्तर प्रदेश (बी0 एस0 एस0) सरकार द्धारा पारित अधिनियम 21-1860 के अन्र्तगत विधिमान्य, स्वयात पंजीकृत संख्या है जिसे भारतीय संविधान में निहित प्रावधानों के अनुसार शिक्षण एवं प्रशिक्षण का कार्य करने का वैधानिक अधिकार है । भारत सरकार / संघ शासित राज्य / राज्य सरकार तथा संबंधित अधिकारियों / विभाग को परिषद् की नियमावली तथा विवरण पुस्तिका की प्रति सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु समय-समय पर भेजी जाती है। भारत के लगभग हर प्रमुख शहरों - राज्यों में संस्थान के केंद्र स्थापित है, जहां प्रति वर्ष मई व दिसम्बर में वार्षिक परीक्षाएं आयोजित होती है । विदेशी एवं अप्रवासी भारतीयों के लिए भी संस्थान विश्व के विभिन्न देशो में अध्ययन एवं परीक्षा केंद्र की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। संस्थान का कार्यक्षेत्र भारत एवं अन्य देश है।

1.2 संस्थान के उद्देश्य:

भारतीय शिक्षा संस्थान , उत्तर प्रदेश ने पत्राचार / ओपन, सतत् दूरवर्ती शिक्षा पद्धति को अपनाकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लोकतन्त्र की ओर कदम बढाया है। यह नया कदम उच्च शिक्षा पाने की इच्छा रखने वाले उन विद्यार्थियों को उनके जीवन में आगे बढने का प्रोत्साहन देता रहेगा जो कालेज / विश्वविद्यालय में प्रवेश लेकर शिक्षा पाने की स्थिति में नही हैं। संस्थान भारतीय संविधान 1950 के अनुच्छेद 14,15,19, 21, 26, 29, 30 एवं 351 राज्यसभा विकास के लिए निहित व्यावसायिक एवं शैक्षिक मूल अधिकारों के उद्देश्यों की भी आपूर्ति करता हैं।

1.3 प्रमुख लक्ष्य:

भारतीय शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश, अव्यवसायिक, स्वैच्छिक, स्वायतः सामाजिक शैक्षिक संस्थान है। जिसका उद्देश्य शिक्षा के प्रचार , प्रसार , दुर्लभ एवं नव सृजित साहित्य का अनुरक्षण प्रकाशन तथा शिक्षाविदों को पर्याप्त सम्मान एवं प्रोत्साहन प्रदान करना तथा शिक्षा सम्बन्धित कार्यो को पूरा कराना है। वर्तमान में संस्थान की परीक्षा समिति द्धारा परीक्षाओं का संचालन लगभग 250 सम्बद्ध केंद्रों के माध्यम से शिक्षकों, विषय विशेषज्ञों के निर्देशन में किया जा रहा है।

भारतीय शिक्षा संस्थान, उत्तर प्रदेश के प्रमुख लक्ष्य इस प्रकार हैं:

1. शिक्षा को विद्यालयों के द्धार तक पहुंचाकर उच्च शिक्षा को सर्वाजनिक करना।

2. आयु, क्षेत्र , लिंग, जाति, के भेद के बिना शिक्षा पाने के इच्छुक सभी विद्यार्थियों को उच्च कोटि की शिक्षा सुलभ कराने की व्यवस्था करना ।

3. व्यवसायमूलक पाठ्क्रमों में शिक्षण / प्रशिक्षण देना।

4. भारत में अन्य देशों की भांति मुक्त एवं दूरवर्ती शिक्षा को प्रोत्साहित करना तथा विकसित करना आदि।

5. मनपसन्द विषयों का चयन एवं कम खर्च में उचित शिक्षा देना ।

6. कभी भी आन डिमांण्ड परीक्षा की व्यवस्था करना ।

7. विकलांग व मेडिकल अनफिट छात्रों हेतु विशेष परीक्षा की व्यवस्था करना।

8. देश में पल रहे विभिन्न विश्वविद्यालय की डिग्री / डिप्लोमा / सार्टिफिकेट स्तर के पाठ्यक्रमों का संचालन एवं मूल्यांकन करना ।

1.4 शिक्षा पद्धति

भारतीय शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश (बी0 एस0 एस0) शिक्षण के लिए बहुमाध्यम उपागम का अनुसरण करता है । इनके अन्र्तगत शामिल हैं।

1. स्वयं अध्ययन के लिए मुद्रित सामग्री।

2. इन्टरनेट तथा आडियो एवं वीडियों कैसेट्स।

3. अध्ययन केंद्रों में प्रयोगात्मक कार्य तथा शैक्षिक परामर्शदाताओं से व्यक्तिगत सम्पर्क ।

4. प्रदक्त कार्य एवं छात्र सहयोग सेवा।

5. विषय विशेषज्ञों द्धारा पाठों का मूल्यांकन।

6. विषय विशेषज्ञों द्धारा सेमिनार का आयोजन।

1.5 पाठ्क्रम:

पाठ्यक्रम देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के समरूप है। शिक्षा सामग्री देश के सभी परम्परागत विश्वविद्यालयों तथा अपने ही शिक्षा संस्थान के विशेषज्ञों की समितियों द्धारा विशेष रूप से तैयार की जाती है। तथा विषय विशेषज्ञों द्धारा इसका सम्पादन होता है। इसी प्रकार पाठ्क्रम लेखकों , विश्वविद्यालय के संकाग सदस्यों व निर्माताओं के परामर्श से श्रव्य तथा दृष्य कैसेट तैयार किये जाते है। अध्ययन हेतु उपलब्ध कराने से पहले बाहरी विशेषज्ञों द्धारा भी समस्त सामग्री का पुनरावलोकन किया जाता है और आवश्यक हो तो सम्पादन अथवा संशोधन भी किया जाता हैं।

2. संस्थान के नियम

2.1 आरक्षण:

भारतीय शिक्षा संस्थान में भारत सरकार के नियमानुसार अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछडी जातियों, भूतपर्व सैनिकों, विधवाओं, शारीरिक रूप से विकलांग छात्र-छात्राओं के लिए सरकार के नियमानुसार स्थान सुरक्षित है तथा नियमानुसार विद्यालयों के छात्रों को शुल्क में छूट हैं।

2.2 निःशुल्क शिक्षा:

भारतीय शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश के हिन्दी दिवस 14 सितम्बर 2000 की उद्घोषणानुसार विकासशाील राज्यों के कैदी, बन्दी महिलाएं एवं पुरूष, सम्बन्धित अधिकारी / जेल अधीक्षक / मजिस्ट्रेट से अनुमति प्राप्त कर प्रवेश पा सकते है । इस योजना के अन्र्तगत उपरोक्त राज्यों की कुछ सींटें आरक्षित है तथा सम्पूर्ण शुल्क में भी छूट भी है। इस श्रेणी के छात्रों को निःशुल्क पुस्तकें एवं छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है। यदि किसी कारणवश अनुमति में विलम्ब होता है तो अभ्यर्थी स्वतः की घोषणा पर सीधा आवेदन पत्र संस्थान कार्यालय को भेज सकता है। ऐसी स्थिति में अभ्यर्थी को अर्द्धशुल्क जमा करने पर अध्ययन की अनुमति प्रदान की जा सकती है। सम्बन्धित अधिकारी की अनुमति के उपरान्त निःशुल्क परीक्षा सुविघा उपलब्ध कराई जा सकती है। परीक्षा एवं अध्ययन जेल में सम्बंधित अधिकारी की अनुमति से कराई जा सकती है।

2.3 एड्स एवं कैंसर रोगियों को निःशुल्क शिक्षा एवं पुस्तकें आदि प्रदान की जायेंगी।

भारत के सभी राज्यों / संध शासित राज्यों एवं केंद्र सरकार के शिक्षा, श्रम, सेवायोजन, प्रौद्योगिकी, कल्याण गृह / राज्य / राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवं अन्य सम्बन्धित मन्त्रालयों तथा ए0 आई0 सी0 टी0 आई0, यू0जी0सी0 ,एन0 सी0 टी0 ई0, आई0 आर0 सी0 बी0 सी0 आई0 आदि विभागों को परिषद् के कार्यकलापों की प्रति सूचनार्थ अग्रसारित की जाती और सहयोग की अपेक्षा की जाती है।

3. पदक सम्बधी नियमः

3.1 संस्थान की ओर से तीन प्रकार के पदक दिये जाते है - स्वर्ण, स्वर्णलिप्त और रजत परीक्षओं के परीक्षाफल के अनुसार निन्नलिखि तपदक प्रदान किये जायेंगे।

1. राजीव गांधी (स्वर्ण पदक)

प्रबन्ध स्नातकोत्तर डिप्लोमा (एम0 बी0 ए0) परीक्षा के अन्र्तगत मार्केटिंग ग्रप में प्रथम स्थान प्राप्त परीक्षार्थि को।

2. डा. राजेंन्द्र प्रसाद गुप्त (स्वर्णलिप्त पदक)

विधि स्नातकोत्तर डिप्लोमा (एल0 एल0 एम0) की परीक्षा में हिन्दी माध्यम में प्रथम स्थान प्राप्त परीक्षर्थी को।

3. डा. राम मनोहर लोहिया (रजत पदक)

शिक्षा स्नातकोत्तर डिप्लोमा (एम0 एड0) की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त परीक्षर्थी को ।

4.छात्रवृत्तिया /ऋण :

भारतीय शिक्षा संस्थान द्धारा प्रत्येक सम्बद्ध अध्ययन केंद्र पर योग्यताक्रम के आधार पर पात्र 10 प्रतिशत अभ्यर्थियों को अनेक छात्रवृत्तियां मेरिट के आधार पर सभी पाठ्क्रमों के लिए प्रदान की जाती है। 4.1 राष्ट्रीयकृत बैंक / विभिन्न सरकार / केंद्र सरकार के नियमानुसार छात्रवृत्त्यिां एवं ऋण प्रदान किए जाते है। अधिक जानकारी के लिए सम्बन्धित विभाग से सम्पर्क करें। 4.2 छात्रवृत्ति हेतु आवेदन करने की अन्तिम तिथि: छात्रवृत्ति हेतु निर्धारित प्रार्थना पत्र शैक्षिक सत्र प्रारम्भ होने से पूर्व कार्यालय में जमा हो जाना चाहिए। प्रत्येक वर्ष छात्रवृत्ति के लिए अलग आवेदन करना होगा अन्यथा विचार करना सम्भव न होगा।

5- देश विदेश में रोजगार के अवसर:

आल इंडिया एसोसिएशन आफ स्टूडेंट वेलफेयर (AIASW) के सर्वे रिपोर्ट के अनुसार परिषद् से विभिन्न कार्यक्रमों को पूर्ण करने के बाद छात्र -छात्राएं भारतीय विश्वविद्यालय / शिक्षा संस्थान (माध्यमिक / प्राविधिक व्यावसायिक) इन्टीट्यूट एवं महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे है। तथा विदेशों में सेवायोजन तथा विदेशी यूनिवर्सिटी एवं शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेकर लाभान्वित हो रहे है।

6- अध्ययन एवं परीक्षा संबन्धी नियम:

6.1 विद्यार्थी को नियमित रूप से परिषद् के सम्पर्क कार्यक्रम में शामिल होना होगा।

6.2 परीक्षार्थी परीक्षा सम्बन्धी लाभ - हानि से सन्तुष्ट होने के पश्चात तथा अपने अभिभावक से परामर्श के बाद आवेदन पत्र भरें।

6.3 परीक्षा फार्म जमा होने की दशा में परीक्षा शुल्क वापस नही किया जायेगा ।

6.4 यदि परीक्षर्थी अगले वर्ष में सम्मिलित होना चाहे तो केवल 50 प्रतिशत छूट शिक्षण शुल्क में दी जा सकती है, अन्य शुल्क में नही।

6.5 परीक्षर्थी यदि अगले वर्ष में सम्मिलित होता है, पुनः परीक्षा आवेदन पत्र भरना होगा।

6.6 परीक्षएं प्रति वर्ष मई व दिसम्बर माह मे आयोजित होती है। निश्चित तिथि की सूचना अलग से प्राप्त की जा सकती है।

6.7 परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए परीक्षर्थी द्धारा परीक्षा फार्म मई परीक्ष हेतु विलम्बः 30 मार्च तक तथा दिसम्बर परीक्षा हेतु 30 अक्टूबर तक सम्पूर्ण शुल्क सहित लखनऊ कार्यालय में जमा करा देना चाहिए।

6.8 संस्थान द्धारा आयोजित सभी परीक्षाएं ओपन सतत् एवं दूरवर्ती शिक्षा पद्धति के अन्तर्गत है, सम्पूर्ण खण्ड उत्तीर्ण परीक्षार्थी को उपाधि पत्र / प्रमाण पत्र प्रदत्त किया जायेगा।

6.9 प्रवेश के पश्चात पते में परिवर्तन हेतु 200/-, विषय में परिवर्तन हेतु 200/ , एवं पाठ्यक्रम मे परिवर्तन हेतु प्रवेश शुल्कः 500/ अतिरिक्त जमा करना होगा। प्रवेश के दो माह बाद किसी भी दशा में विषय या पाठ्क्रम नही बदला जायेगा, और न ही किसी प्रकार का जमा शुल्कः वापस किया जायेगा।

6.10 छात्र / छात्राएं आवेदन पत्र में विषय का चयन कर स्पष्ट अक्षरों में लिखें। विषयों का चयन कर लिए जाने पर साधारणतः उनमें कोई परिवर्तन नही किया जाएगा, अतः पूर्ण सावधानी के साथ विषयों का चयन कर तथा परीक्षा फार्म में भी परीक्षा केंद्र पूर्ण सावधानी से भरें।

6.11 भारतीय शिक्षा संस्थान उत्तर की मान्यताएं देश-विदेश के शिक्षा परिषदों एवं विश्वविद्यालयों में है। प्रत्येक शिक्षा परिषद / विश्वविद्यालय प्रवेश देने या न देने के लिए स्वतन्त्र है। अनेक विश्वविद्यालय / परिषद तथा न्यायालय संस्थान से उत्तीर्ण छात्रों को प्रवेश एवं सेवायोजन के लिए समतुल्य मानते है। ए0 आई0 सी0 टी0 ई0 / एन0 सी0 टी0 ई0 / यू0 जी0 सी0 आदि स्वायत्त संस्थाएं है, जिनसे भारतीय शिक्षा संस्थान अनुदान प्राप्त नही करती है।

6.12 वार्षिक परीक्षा आन लाइन, होम एक्जामिनेशन तथा आंख या हांथों की बीमारी के कारण छात्र के आवेदन पर संस्थान यदि चाहे तो निर्धारित शुल्क जमा कराकर विशेष रूप से परीक्षा की व्यवस्था करा सकता है। होम एक्जामिनेशन का अर्थ होता है विशेष परिस्थिति में परीक्षक परीक्षाथी के घर जाकर परीक्षा लेंगे। जिसका मूल्यांकन मुख्यालय भारतीय शिक्षा संस्थान उ.प्र. इलाहाबाद द्धारा कराया जाता है।

6.13 किसी भी छात्र / सदस्य / अध्यापक / केंद्र कर्मचारी का या संस्था से सम्बन्धित कोई भी विवाद है तो वह भारतीय शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश द्धारा गठित समिति के अध्यक्ष या मध्यस्थता के तहत ही निपटाया जायेगा। मध्यस्थ का निर्णय दोनों पक्षों को अन्तिम रूप से मान्य होगा। सीधे न्यायालय या अन्य प्राधिकारी के अधीन की गई कार्यवाही अमान्य होगी। किसी भी स्थिति में न्यायिक क्षेत्र मात्र इलाहाबाद होगा। भारतीय शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश की कोई शाखा नही है।

परीक्षा माध्यम:

भारतीय शिक्षा संस्थान, उत्तर प्रदेश इलाहाबाद में सभी पत्राचार / पार्ट टाइम पाठ्क्रम केवल हिन्दी और अंग्रेजी में उपलब्ध है इसके अतिरिक्त जिन सम्बंद्ध विद्यालयों / केंद्रो में प्रान्तीय भाषा या अन्य भाषा में शिक्षण सुविधा उपलब्ध है, उसमें संस्थान द्धारा परीक्षा देने की अनुमति दी जा सकती है।

 
 
 
 

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